Ads by Eonads Ads by Eonads मनोज तिवारी जी का ये गीत "चंपा चमेली" आज भी लोगों को ख़ूब भाता है.

मनोज तिवारी जी का ये गीत "चंपा चमेली" आज भी लोगों को ख़ूब भाता है.

मनोज तिवारी जी का ये गीत "चंपा चमेली" आज भी लोगों को ख़ूब भाता है.

Ae champa chameli manoj tiwari mridul


  समय के साथ - साथ चीज़ें कितना बदल जाती हैं. कुछ यादें होठों पर मुस्कान ले आती हैं तो कुछ आँखों पर दो बूँद पानी. इसी तरह पुराने गानें भी पुरानी यादों को जीवित कर देते हैं. आज के लेख में आपके लिए ले लेकर आये हैं मनोज तिवारी जी के गाए गीत चंपा चमेली के बारे में.
    इस गाने के बोल थे ऐ चंपा चमेली कली अलबेली, नज़रें चुरा के कहाँ जा बाड़ू . मनोज जी के मधुर आवाज़ में ये गीत दिल छू लेता था. जिस तरह के सुन्दर परिदृश्य और सुमधुर संगीत से इस गाने को सजाया संवारा गया है वो किसी भी संगीत प्रेमी के लिए किसी अमृत से कम नहीं. मनोज जी ने अपने "मृदुल" उपनाम को बिलकुल सार्थकता प्रदान की है. ये गीत मनोज जी ने "अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो की दर पे सुदामा करीब आ गया है." की तर्ज पे गाया है.(On which Hindi songs music is Bhojpuri song Champa Chameli of Manoj Tiwari is inspired?) ये गाना यहाँ नीचे देखिये


 बाद में कृष्ण - सुदामा के इस पावन भजन को लखबीर लक्खा जी ने 2012 में रीक्रिएट किया और आज जो भजन हम सुनते हैं वो अधिकांशतः यही 2012  वाला भजन ही है. 

       इसी तरह और भी लेटेस्ट भोजपुरी कलाकारों और भोजपुरी सिनेमा के बारे में जानने के लिए पढ़ते रहिये हमारे भोजपुरिया रंग ( Bhojpuriya Rang ) ब्लॉग चैनल को 🙏🙏🙏.